विश्व अर्थराइटिस दिवस: क्या है गठिया रोग, जानें लक्षण और उपचार
विश्व अर्थराइटिस दिवस हर वर्ष 12 अक्टूबर को मनाया जाता है। आज इस बीमारी की बढ़ती संख्या लोगों में चिंता का विषय बनी हुई है।
विश्व अर्थराइटिस दिवस का ध्येय होता है, लोगों को इस बीमारी के प्रति जागरूक करना और अर्थराइटिस के मरीज़ों को सहायता देना।
सिर्फ भारत की बात करें तो यहां लगभग 15 प्रतिशत लोगों में अर्थराइटिस पाया जाता है। इसलिए जरूरत है इसके बारे में सही जानकारी और इससे बचाव के तरीकों के बारे में जानने की।
अर्थराइटिस के बारे में इस लेख में हम विस्तार से जानते हैं।
अर्थराइटिस के कारण
अर्थराइटिस का मुख्य कारण है, हमारी आरामतलब जीवनशैली, मादक पदार्थों का सेवन और कंप्यूटर पर बैठकर घंटों काम करना, खाने में जरूरी पौष्टिक तत्वों की कमी।
इसके अलावा जंक फूड का सेवन, व्यायाम की कमी आदि के कारण इसके मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है।
पहले ऐसा माना जाता था कि केवल उम्रदराज लोग ही इसकी चपेट में आते हैं, लेकिन वर्तमान में इसकी गिरफ्त में नौजवान भी आ रहे हैं।
अर्थराइटिस के लक्षण
शुरूआत में अर्थराइटिस के खास लक्षण नहीं होते हैं। अर्थराइटिस के कारण जोड़ों में असहनीय दर्द होता है।
कुछ प्रकारों जैसे - रूमेटाइटड अर्थराइटिस में सुबह के वक्त यह दर्द बहुत बढ़ जाता है।
कुछ मामलों में अर्थराइटिस का दर्द असहनीय हो जाता है। इसके कारण चलने-फिरने में दिक्कत हो सकती है।
मानसून और ठंड के वक्त भी इसका दर्द बढ़ जाता है।
अर्थराइटिस से चिकित्सा
अर्थराइटिस के उपचार का सबसे अच्छा तरीका है कि बीमारी का पता चलते ही चिकित्सा शुरू कर दी जाये।
ऐसे में चिकित्सा के दौरान वज़न बढ़ना आपके स्वास्य्री के लिए नुकसानदायी हो सकता है।
दवाओं और सर्जरी के बाद लोग आसानी से सामान्य जीपन जीने में सफल होते हैं।
चलने, उठने, बैठने की सही मुद्रा का पालन करें।
अर्थराइटिस के मरीजों के लिए टहलना एक अच्छा व्यायाम हो सकता है।
अधिक देर तक एक ही स्थिति में ना बैठे रहें।