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पुरुषों में साइलेंट किलर है आस्टियोपोरोसिस, जानें कारण और बचाव

आस्टियोपोरोसिस हड्डियों की ऐसी बीमारी है जो ज्‍यादातर महिलाओं को होती है, लेकिन इसकी चपेट में पुरुष भी आ सकते हैं।
वर्तमान में पुरुषों में यह बीमारी अधिक फैल रही है इसका प्रमुख कारण है लाइफस्‍टाइल। इंटरनेशनल आस्टियोपोरोसिस फाउंडेशन के अनुसार भारत में हर तीन में से एक पुरुष इस बीमारी से ग्रसित होता है।
टेस्टास्टेरॉन हार्मोन की कमी के चलते हड्डियों में खनिजों का घनत्व यानी बीएमडी कम हो जाता है, इसके कारण ही अधिक उम्र के पुरुषों की हडिृडयों के टूटने की संभावना बढ़ जाती है।
इस पर हुए कुछ शेध के नतीजे बताते हैं कि जो बुजुर्ग कूल्हे की हड्डी टूटने की समस्या से घिरते हैं। उनमें से करीब 20 फीसदी पुरुषों की मौत इसके कारण हो जाती है।

क्‍या है आस्टियोपोरोसिस

आस्टियोपोरोसिस एक ऐसी स्थिति है जिसमें हड्डी के घनत्व यानी बीएमडी में कमी हो जाती है। इसके कारण हड्डियां कमजोर हो जाती हैं।
आस्टियोपोरोसिस हड्डियों को स्पंज की तरह असामान्य रूप से छिद्रयुक्त हड्डियों में बदल देती है। इसके कारण हड्डियों में बार-बार फ्रैक्चर की शिकायत होने लगती है।
पहले इस बीमारी को बुढ़ापे की बीमारी माना जाता था लेकिन बदलते लाइफस्टाइल की वजह से कम उम्र में भी लोगों को यह बीमारी हो रही है।



साइलेंट किलर

आस्टियोपोरोसिस को साइलेंट किलर भी कहा जाता है। हड्डियों से संबंधित इस बीमारी का सबसे बड़ा खतरा यह है कि इसके कारण हड्डियां मुलायम होकर टूटने लगती हैं और इसके लक्षणों का पता नहीं चल पाता।
यह रोग चुपके से आता है। जब तक मरीज को इस बीमारी के बारे में जानकारी होती है तब तक बहुत देर हो जाती है। इसके कारण ही इसे साइलेंट किलर कहा जाता है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन की मानें तो दुनिया भर में हर आठ पुरुषों में से एक पुरुष व हर तीन महिला में से एक महिला आस्टियोपोरोसिस से ग्रस्‍त हैं।

आस्टियोपोरोसिस के कारण

आनुवांशिक कारणों से, यदि किसी के घर में यह बीमारी है तो उसके घर के अन्‍य पुरुष भी इसकी चपेट में आ सकते हैं।

यदि पुरुष खानपान में अनियमितता बरतें, जैसे खाने में प्रोटीन, विटामिन, जिंक और कैल्शियम की कमी हो तो यह बीमारी होती है।

शारीरिक गतिविध्यिों और मेहनत वाले काम न करना, यानी ज्‍यादा फिजिकल एक्टिव न होना इस बीमारी का कारण है।

इसे बढ़ती उम्र की बीमारी माना जाता है, और 50 के बाद इसके होने की संभावना अधिक होती है।

यदि बचपन में आपने बहुत अधिक मात्रा में सॉफ्ट ड्रिंक पिया है तो यह बीमारी बाद में हो सकती है।

धूम्रपान इस बीमारी के होने का बहुत बड़ा और प्रमुख कारणों में से एक है।

डायबीटीज, थायरॉइड जैसी बीमारियों के कारण भी पुरुषों को आस्टियोपोरोसिस हो सकता है।

विटामिन डी और दवाओं के सेवन के कारण भी यह बीमारी होती है।

पुरुषों में आस्टियोपोरोसिस के लक्षण

इसके लक्षण आसानी से नहीं दिखाई देते हैं, यह बिना किसी खास लक्षण के भी शरीर में हो सकता है। कमर या पीठ का दर्द आस्टियोपोरोसिस के शुरुआती लक्षण हो सकते हैं।
इसका दर्द हफ्तों से लेकर महीनों तक रह सकता है। कुछ आस्टियोपोरोसिस फ्रेक्चर्स का पता वर्षों तक भी नहीं पता चल पाता है, इससे जुड़े लक्षणों में केवल दर्द होता है। दर्द का स्थान फ्रैक्चर के स्थान पर निर्भर करता है।
आस्टियोपोरोसिस के लक्षण पुरुषों और महिलाओं में एक जैसे होते हैं। यादि 50 साल के बाद फ्रैक्‍चर हो तो उसे हल्‍के में न लें।
नियमित व्‍यायाम और पौष्टिक आहार का सेवन करने से इस बीमारी के होने की संभावना को काफी हद तक कम किया जा सकता है। यदि आपको हड्डियों से संबंधित बीमारी के लक्षण दिखें तो चिकित्‍सक से तुरंत संपर्क करें।

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