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अर्थराइटिस/ गठिया के मरीजों को जरूर कराना चाहिए ये एक टेस्ट, जानें क्यों?

पहले अर्थराइटिस को बड़ी उम्र की बीमारी माना जाता था। मगर आजकल युवाओं में भी इस बीमारी के लक्षण देखे जा रहे हैं।
इसका कारण लोगों में शारीरिक मेहनत और व्यायाम में कमी और साथ ही खान-पान की गड़बड़ी और अनियमित जीवनशैली है।
रूमेटाइड अर्थराइटिस (संधिवात गठिया) अर्थराइटिस का ही एक प्रकार है जो किसी भी उम्र में हो सकता है।
हालांकि, ये महिलाओं में अधिक आम है, और अक्सर मध्य आयु में होता है। अर्थराइटिस के अन्य प्रकार की तरह, इसमें भी जोड़ों में सूजन और दर्द की समस्या होती है।
जब आपका इम्यून सिस्टम आपके जोड़ों पर हमला करता है तो आपको रूमेटाइड अर्थराइटिस की समस्या का सामना करना पड़ता है।

रूमेटाइड अर्थराइटिस सूजन

अगर आपको रूमेटाइड अर्थराइटिस है तो आपके जोड़ों में दर्द होता रहेगा। इसका कारण ये है कि जोड़ों में सूजन रहती है।
सूजन एक प्राकृतिक प्रक्रिया है जो तब होती है जब आपका इम्यून सिस्टम बाहरी आक्रमणकारी (फॉरेन इनवेडर) पर हमला करता है।

इम्यून सेल इन्फेक्शन की जगह, जैसे कि कोई कट, पर जाते हैं और अपना काम करते हैं। इससे वो जगह सूज जाती है और उसमें दर्द होता है।
रूमेटाइड अर्थराइटिस सूजन इसलिए होती है क्योंकि आपका इम्यून सिस्टम आपके जोड़ों को कोई आक्रमणकारी समझ लेता है।



सी-रिऐक्टिव प्रोटीन

सी-रिऐक्टिव प्रोटीन (सीआरपी) एक प्रोटीन होता है जिसका निर्माण आपका लीवर करता है। ये प्रोटीन आपके खून में पाया जाता है।
सूजन के प्रतिक्रियास्वरूप आपके खून में सीआरपी का स्तर बढ़ जाता है। उदाहरण के लिए, जब आपको कोई इन्फेक्शन होता है तो आपके खून में सीआरपी स्तर बढ़ जाता है।
जब इन्फेक्शन पर नियंत्रित हो जाता है तो उच्च सीआरपी स्तर गिर जाता है।

सीआरपी और रूमेटाइड अर्थराइटिस की पहचान

कोई एक टेस्ट इस बात की पुष्टि नहीं कर सकता कि आपको रूमेटाइड अर्थराइटिस है, लेकिन आपके खून में सीआरपी के स्तर को मापना इस रोग की पहचान करने की प्रक्रिया का एक हिस्सा जरूर हो सकता है।
रूमेटाइड अर्थराइटिस की पहचान करने की प्रक्रिया में निम्न शामिल होते हैं-
1) लैब टेस्ट। जैसे कि रूमेटाइड कारक की पहचान के लिए ब्लड स्कैनिंग।
2) आपके जोड़ों की सूजन और दर्द।
3) लक्षणों की अवधि।

सीआरपी टेस्ट

सीआरपी टेस्ट के लिए आपको खून का सैंपल देना पड़ता है। इसके बाद उसे लैब में ले जाया जाएगा और फिर जब रिपोर्ट आने पर आपको उसे डॉक्टर को दिखाना पड़ेगा।
इसके बाद आपका डॉक्टर आपको बताएगा कि आपको किस तरह की दवाइयों की जरुरत है। सीआरपी टेस्ट के लिए खून देने में किसी प्रकार का जोखिम नहीं होता।

सामान्य सीआरपी स्तर

अगर आपको कोई इन्फेक्शन या अधिक सूजन की बीमारी जैसे रूमेटाइड अर्थराइटिस या लपस नहीं है तो आपका सीआरपी स्तर सामान्य होना चाहिए।
सामान्य सीआरपी स्तर 10.0 मिग्रा (प्रति डेसीलीटर) से नीचे होता है। एक मानक सीआरपी टेस्ट अक्सर सामान्य स्तर का पता भी नहीं लगा पाता क्योंकि वह बहुत कम होता है।
एक उच्च संवेदनशीलता वाला सीआरपी टेस्ट 10.0 मिग्रा/डेसीलीटर के नीचे के स्तर का पता लगा सकता है।

सीआरपी स्तर को बढ़ाना

अगर रूमेटाइड अर्थराइटिस के लिए आपका टेस्ट किया जा रहा है तो आपका डॉक्टर आपको स्टैंडर्ड सीआरपी टेस्ट करवाने के लिए कहेगा, बजाय कि हाई-सेंसीटीविटी टेस्ट के।
स्टैंडर्ट टेस्ट के साथ सीआरपी के उच्च स्तर का पता लगाया जा सकता है। सीआरपी का बढ़ा हुआ स्तर किसी सूजन की बीमारी का संकेत हो सकता है, लेकिन यह रूमेटाइड अर्थराइटिस की निश्चित पहचान कर पाने में सक्षम नहीं है।

सीआरपी स्तर और उपचार की प्रतिक्रिया

एक बार आपके रूमेटाइड अर्थराइटिस की पहचान हो जाने पर आपका डॉक्टर आपको समय-समय पर सीआरपी टेस्ट कराने की सलाह दे सकता है। आपका सीआरपी स्तर इस बात का संकेत दे सकता है कि आपका ट्रीटमेंट कैसा चल रहा है।
उदाहरण के लिए, अगर आप कोई नई दवा शुरू करते हैं तो हो सकता है कि कुछ हफ्तों के बाद आपका डॉक्टर सीआरपी टेस्ट करवाए।
अगर आपका सीआरपी स्तर गिर गया है तो इसका मतलब है दवाई अपना असर दिखा रही है। अगर आपका सीआरपी स्तर बढ़ गया है तो डॉक्टर समझ जाएगा कि आपको नए इलाज की जरुरत है।

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